Alakh Haryana ( Punjab Haryana High Court News ) पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने अनुकंपा नियुक्ति के मामलों में एक महत्वपूर्ण निर्णय देते हुए कहा है कि पति की मृत्यु के बाद, अगर पत्नी को उसकी जगह नौकरी मिलती है, तो सास की देखभाल की जिम्मेदारी बहू पर होगी। कोर्ट ने आदेश दिया है कि महिला को हर महीने अपनी सास को 10,000 रुपये गुजारा भत्ता देना होगा।
क्या है मामला?
2002 में याचिकाकर्ता महिला के पति का निधन हो गया था। पति की मृत्यु के बाद, 2005 में महिला को रेल कोच फैक्ट्री में जूनियर क्लर्क के पद पर अनुकंपा नियुक्ति मिली। लेकिन नौकरी मिलने के बाद वह अपने बेटे के साथ ससुराल छोड़कर चली गई।
महिला की सास ने फैमिली कोर्ट में अर्जी दाखिल करते हुए बताया कि उनका एक बेटा रिक्शा चलाता है, जिसकी कमाई बीमार बेटे के इलाज में खर्च हो जाती है। उनकी एक बेटी शादीशुदा है। ऐसे में उनके पास गुजारा करने का कोई साधन नहीं है। सास ने अदालत से हर महीने अपनी बहू से गुजारा भत्ता दिलाने की मांग की।
कोर्ट का फैसला
2024 में हाईकोर्ट ने सास के पक्ष में फैसला सुनाया। अदालत ने कहा कि भले ही CrPC की धारा 125 के तहत सास की देखभाल की जिम्मेदारी बहू पर नहीं डाली जा सकती, लेकिन न्याय के लिए इसे अपवाद के रूप में लागू किया जा सकता है।
अदालत ने यह पाया कि महिला ने 2005 में अनुकंपा नियुक्ति के दौरान वादा किया था कि वह अपने पति के परिवार की देखभाल करेगी। बावजूद इसके, महिला ने ससुराल छोड़ दिया।
महिला ने कोर्ट में दलील दी थी कि सास के अन्य बच्चे भी हैं जो उनकी देखभाल कर सकते हैं। लेकिन अदालत ने कहा कि CrPC की धारा 125 का उद्देश्य आर्थिक सहायता प्रदान करना है। महिला हर महीने 80,000 रुपये कमाती है, ऐसे में वह अपनी सास को 10,000 रुपये गुजारा भत्ता देने में सक्षम है।
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