रहस्य से लबरेज़ वावड़ी की आपको हम आज सैर करवायेंगे। जिसको लेकर कहाँ जाता कि यहाँ किसी सुरंग में अरबों का खजाना छिपा। जो भी इसकी तलाश में अंदर गया वो कभी बहार नहीं आ सका। बताया ये भी जाता है कि एक बार तो एक बारात की बारात इसके अंदर गई थी वो आज तक नहीं लौटी। ..लेकिन ये खजाना कौन यहाँ रख गया वो चोर कौन था ? इसके इत्र इतिहासकार इस बावड़ी को लेकर क्या कहते हैं वो भी आपको बताये ताकि आप को पूरे सच का पता लग सके नमस्कार मैं अनुज नरवाल रोहतकी आप देख रहे हैं मेरा प्रोग्राम ” खाना बदहोश जिंदगी ”
सबसे पहले मैं आपको उस चरित्र के बारे में बताऊंगा जिसके नाम से इस बावड़ी को जाना जाता है। ..लिखने में ग्यानी और आम लोगों की बोली में जानी चोर की बावड़ी के नाम से इस जगह को पहचान मिलीं। . इस इलाके में एक किदवंती है कि मुगलों के जमाने में जानी चोर हुए जो अमीर सेठों को लुटता और उनके घरों से चोरी करता और धन को गरीबों में बाँट देता बाकी बचे धन को इस बावड़ी में कहीं छुपा देता। इस बावड़ी में कई सुरंगे होने की बात भी इस इलाके के लोग बताते हैं जो लाहौर और दिल्ली तक जाती थी। .. वहीँ कहीं जानी चोर द्वारा लूटा हुआ अरबों को खजाना आज भी मौजूद हैं। इस खजाने तक बहुतेरे लोगों ने पहुंचने की कोशिश तो की लेकिन जो अंदर गया वो कभी बाहर आया ही नहीं एक बात तो बारात की बारात अंदर गई जो आज तक कभी यहीं लौट पाई। ये अब तक जो आपको कहानी बताई वो कहानी इस इलाके में खूब सुनी सुनाई जाती है। . इस रहसयमई बावड़ी का एक पक्ष है। . बाकी पक्ष हम आपको आगे बताने जा रहे हैं ताकि पूरा सच आप तक पहुंच सके।
पुराने जमाने में पानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए बावड़ियां बनाई जाती थी । इसी मसलहत रोहतक के महम कस्बे के दक्षिण छोर पर सदियों पहले तामीर की गई थी यह बावड़ी भी। इसकी तस्दीक़ बावड़ी की दीवार पर चश्पा ये कत्बा करता है। जिसमें फ़ारसी में लिखा है। .. उसका हिंदी में तजुर्मा करें तो
इस स्वर्ग के झरने का निर्माण सैद्यू कलाल ने 1069 ए.एच यानि 1658-59 ए.डी में करवाया था, जोकि उस समय के मुगल राजा शाहजाहं का चौबदार था। यह बावड़ी विशाल है। इसमें एक कुआं है जिस तक पहुंचने के लिए 101 सिडियां उतरनी पड़ती हैं। इसमें कई कमरे भी हैं, जो कि उस जमाने में राहगीरों के आराम के लिए बनवाए गए थे । स्थानिय लोगों की माने तो इसमें सुरंगों जाल-सा है जो कि दिल्ली और लाहौर तक जाता है।
लोगों की बातों पर यकिन करें तो वाकई ये बावड़ी रहस्यमयी है। जिसमें ज्ञानी चोर के अरबों का ख्जाना और रहस्यमयी सुरंगों में छुपे हैं कई अनसुलझे राज। लेकिन इतिहासकारों की माने तो ज्ञानी चोर के चरित्र का जिक्र इतिहास में कहीं नहीं मिलता। अतः ख्जाना तो दूर की बात है। आपको क्या लगता है क्या वाकई यहाँ खजाना छुपा है क्या कोई सच में जानी चोर भी हुआ है या फिर ये सिर्फ किस्से कहानिनियाँ हैं। कँनेट बॉक्स में लिखें